हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षकों के समायोजन को रद्द किया, कहा- गलतियों को सुधारे विभाग

हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षकों के समायोजन को रद्द किया, कहा- गलतियों को सुधारे विभाग

High Court cancelled the Adjustment of Basic Teachers

High Court cancelled the Adjustment of Basic Teachers

High Court cancelled the Adjustment of Basic Teachers: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी में बेसिक शिक्षकों का समायोजन रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने ये आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि समायोजन प्रक्रिया की सभी गतिविधियों को रोकते हुए गलतियों को सुधारा जाए. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की समायोजन प्रक्रिया में लागू नियम को आर्टिकल 14 और 16 का उल्लंघन माना है. प्रदेश के करीब 80 फीसदी स्कूलों पर सीधा असर पड़ रहा था. समायोजन प्रक्रिया से बड़ी संख्या में शिक्षा प्रभावित हुई.

हाई कोर्ट ने विभाग की ‘लास्ट कम फर्स्ट आउट’ ट्रांसफर पॉलिसी को मनमाना करार दिया है. जून 26 जून 2024 के शासनादेश और बेसिक शिक्षा विभाग के 28 जून 2024 के सर्कुलर को जूनियर टीचर्स के लिए भेदभावपूर्ण करार दिया है.

नेहरू विहार में कैंडल मार्च निकालेंगे छात्र

उधर, यूपीपीसीएस-2024 और आरओ-एआरओ भर्ती को लेकर छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के फैसले के विरोध में 8 नवंबर को दिल्ली के नेहरू विहार में कैंडल मार्च निकालेंगे. छात्र नॉर्मलाइजेशन और एक से अधिक शिफ्ट में परीक्षा के फैसले का विरोध कर रहे हैं. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने सरकार से सवाल किया है.

चंद्रशेखर आजाद ने कहा,सरकारी नाकामियों के कारण पूर्व में दो बार टाली जा चुकी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 एवं समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 दो दिन में आयोजित कराने का फैसला बेरोजगारी मार झेल रहे अभ्यर्थियों के लिए दो गुना खर्चीला और दुगुनी परेशानियों में डालने वाला है.

उन्होंने कहा कि यह फैसला महिला अभ्यर्थियों के लिए और भी दिक्कतें करने वाला है.उस पर “कोढ़ में खाज” ये कि ये परीक्षाएं सभी 75 जिलों में आयोजित न होकर मात्र 41 जिलों में ही आयोजित हो रही हैं.मेरा सवाल ये है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, सरकारी नाकामियों की सजा, उत्तर प्रदेश के युवा क्यूं भुगते?